केंद्र सरकार ने पटना उच्च न्यायालय के अवकाश प्राप्त न्यायाधीश न्यायमूर्ति एल नरसिंह रेड्डी की अध्यक्षता में एक न्यायिक समिति का गठन किया है। समिति पूर्व सैनिकों के लिए बनी वन रैंक वन पेंशन स्कीम को लागू करने पर गौर करेगी।
समिति के कार्य निम्नलिखित मामलों में केंद्र सरकार से मिले संदर्भों पर जांच कर सिफारिशें देना होगा –
• सरकार की ओर से 7 नवम्बर, 2015 को अधिनियमित वन रैंक वन पेंशन स्कीम को लागू करने में आ सकने वाली अड़चनों को दूर करने संबंधी कदम उठाना।
• 7 नवम्बर, 2015 को सरकार द्वारा अधिसूचित ओआरओपी आदेश के क्रियान्वयन के लिए सेनाओं के तीनों अंगों के समक्ष आने वाली संभावित विसंगतियों को दूर करने संबंधी कदम उठाना।
• सैन्य सेवाओं के मामलों में संबद्धता।
• केंद्र सरकार द्वारा ओआरओपी या संबंधित मामलों के लागू होने संबंधी तथ्य।
अपनी सिफारिशों के दौरान समिति सिफारिशों के वित्तीय पहलू पर भी ध्यान देगी।
निर्माण की तारीख से 6 महीने के भीतर समिति इसे लागू करने की सिफारिश करेगी। अगर जरूरी हुआ तो समिति संदर्भों के साथ किसी भी मामले पर सरकार को अपनी अंतरिम रिपोर्ट सौंपेगी।
समिति अपनी प्रक्रियाएं खुद बनाएगी और जरूरी होने पर संबंधित सूचना और साक्ष्य जुटा सकती है। भारत सरकार के मंत्रालय और विभाग ऐसी सूचना और दस्तावेज सहित सहायता उपलब्ध कराएंगे जिसकी समिति को जरूरत हो सकती है। समिति का अपना मुख्यालय दिल्ली में होगा। रक्षा मंत्रालय के तहत सक्रिय पूर्व सैनिक कल्याण विभाग द्वारा सभी प्रशासनिक सहयोग समिति को मुहैया कराया जाएगा।
[PIB]
समिति के कार्य निम्नलिखित मामलों में केंद्र सरकार से मिले संदर्भों पर जांच कर सिफारिशें देना होगा –
• सरकार की ओर से 7 नवम्बर, 2015 को अधिनियमित वन रैंक वन पेंशन स्कीम को लागू करने में आ सकने वाली अड़चनों को दूर करने संबंधी कदम उठाना।
• 7 नवम्बर, 2015 को सरकार द्वारा अधिसूचित ओआरओपी आदेश के क्रियान्वयन के लिए सेनाओं के तीनों अंगों के समक्ष आने वाली संभावित विसंगतियों को दूर करने संबंधी कदम उठाना।
• सैन्य सेवाओं के मामलों में संबद्धता।
• केंद्र सरकार द्वारा ओआरओपी या संबंधित मामलों के लागू होने संबंधी तथ्य।
अपनी सिफारिशों के दौरान समिति सिफारिशों के वित्तीय पहलू पर भी ध्यान देगी।
निर्माण की तारीख से 6 महीने के भीतर समिति इसे लागू करने की सिफारिश करेगी। अगर जरूरी हुआ तो समिति संदर्भों के साथ किसी भी मामले पर सरकार को अपनी अंतरिम रिपोर्ट सौंपेगी।
समिति अपनी प्रक्रियाएं खुद बनाएगी और जरूरी होने पर संबंधित सूचना और साक्ष्य जुटा सकती है। भारत सरकार के मंत्रालय और विभाग ऐसी सूचना और दस्तावेज सहित सहायता उपलब्ध कराएंगे जिसकी समिति को जरूरत हो सकती है। समिति का अपना मुख्यालय दिल्ली में होगा। रक्षा मंत्रालय के तहत सक्रिय पूर्व सैनिक कल्याण विभाग द्वारा सभी प्रशासनिक सहयोग समिति को मुहैया कराया जाएगा।
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