बाढ़ का पानी घटने के साथ चेन्नई की स्थिति धीरे-धीरे सामान्य हो रही है। राज्य सरकार ने वायुसेना से आग्रह किया है कि वह राहत अभियान पूरा कर ले। भारी वर्षा के बीच राहत अभियान 2 से 6 दिसम्बर, 2015 तक पांच दिनों तक जारी रहा।
वायुसेना चेन्नई क्षेत्र में बाढ़ के संकट से निपटने के लिए तुरन्त हरकत में आ गई थी। राहत अभियान भारी वर्षा के बीच 2 दिसम्बर 2015 की भोर में शुरू कर दिया गया था। राहत और बचाव कार्य तमबरम और अराक्कोणम के वायु सेना स्टेशनों से शुरू किया गया था। इस कार्य में वायुसेना ने अपने मालवाहक हवाई जहाजों को लगाया था, जिनमें सी-17, सी-130, आईएल-76 और एएन-32 हवाई जहाज शामिल थे। कुल 40 उड़ानें की गई थीं। वायु सेना ने प्रभावी क्षेत्रों में राष्ट्रीय आपदा मोचन बल के 30 दलों और भारतीय सेना के 5 दलों को पहुंचाया। इन जहाजों ने बेंगलुरू, हैदराबाद और दिल्ली के फंसे हुये 770 यात्रियों को निकाला। इसके अलावा 281 टन राहत सामग्री पहुंचाई, जिनमें पानी निकालने के पंप और नौकायें शामिल थीं।
इसके साथ वायुसेना के 13 हैलिकॉप्टर भी मानवीय सहायता और आपदा राहत प्रयासों में लगाये गये थे। चेन्नई का मीनामबक्कम हवाई अड्डा बाढ़ के कारण बंद हो गया था। हैलिकॉप्टरों ने निकट के तमबरम वायुसेना अड्डे से उड़ानें भरी थीं। तमबरम में भी बाढ़ का पानी मौजूद था, लेकिन हैलिकॉप्टरों का संचालन होता रहा। वायुसेना के हैलिकॉप्टरों ने कठिन परिस्थितियों, भारी वर्षा और खराब मौसम के बावजूद राहत कार्यों को अंजाम दिया। उन्होंने 195 उड़ानें भरी और 450 लोगों को निकाला, जिनमें महिलायें, बच्चे और वरिष्ठ नागरिक शामिल थे। पानी और भोजन जैसी 37 टन राहत सामग्री गिराई गईं।
वायुसेना का अभियान 6 दिसम्बर, 2015 की शाम को समाप्त हो गया। बाढ़ का पानी घटने के साथ-साथ वायुसेना के मानवीय सहायता और आपदा राहत प्रयासों से चेन्नई के लोगों को बहुत सहायता प्राप्त हुई।
वायुसेना चेन्नई क्षेत्र में बाढ़ के संकट से निपटने के लिए तुरन्त हरकत में आ गई थी। राहत अभियान भारी वर्षा के बीच 2 दिसम्बर 2015 की भोर में शुरू कर दिया गया था। राहत और बचाव कार्य तमबरम और अराक्कोणम के वायु सेना स्टेशनों से शुरू किया गया था। इस कार्य में वायुसेना ने अपने मालवाहक हवाई जहाजों को लगाया था, जिनमें सी-17, सी-130, आईएल-76 और एएन-32 हवाई जहाज शामिल थे। कुल 40 उड़ानें की गई थीं। वायु सेना ने प्रभावी क्षेत्रों में राष्ट्रीय आपदा मोचन बल के 30 दलों और भारतीय सेना के 5 दलों को पहुंचाया। इन जहाजों ने बेंगलुरू, हैदराबाद और दिल्ली के फंसे हुये 770 यात्रियों को निकाला। इसके अलावा 281 टन राहत सामग्री पहुंचाई, जिनमें पानी निकालने के पंप और नौकायें शामिल थीं।
इसके साथ वायुसेना के 13 हैलिकॉप्टर भी मानवीय सहायता और आपदा राहत प्रयासों में लगाये गये थे। चेन्नई का मीनामबक्कम हवाई अड्डा बाढ़ के कारण बंद हो गया था। हैलिकॉप्टरों ने निकट के तमबरम वायुसेना अड्डे से उड़ानें भरी थीं। तमबरम में भी बाढ़ का पानी मौजूद था, लेकिन हैलिकॉप्टरों का संचालन होता रहा। वायुसेना के हैलिकॉप्टरों ने कठिन परिस्थितियों, भारी वर्षा और खराब मौसम के बावजूद राहत कार्यों को अंजाम दिया। उन्होंने 195 उड़ानें भरी और 450 लोगों को निकाला, जिनमें महिलायें, बच्चे और वरिष्ठ नागरिक शामिल थे। पानी और भोजन जैसी 37 टन राहत सामग्री गिराई गईं।
वायुसेना का अभियान 6 दिसम्बर, 2015 की शाम को समाप्त हो गया। बाढ़ का पानी घटने के साथ-साथ वायुसेना के मानवीय सहायता और आपदा राहत प्रयासों से चेन्नई के लोगों को बहुत सहायता प्राप्त हुई।
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