भारत और इसराइल के बीच संबंधों को मजबूत बनाने के लिए भारतीय नौ सेना का अग्रणी युद्धपोत आईएनएस त्रिकंद आज इसराइल के हाइफा बंदरगाह पर पहुंचा। हाइफा में चार दिनों के प्रवास के दौरान इसराइल की नौ सेना के साथ विस्तृत गतिविधियों का कार्यक्रम है। व्यावसायिक आदान-प्रदान के अलावा दोनों नौ सेनाओं के बीच आपसी समझ और सहयोग को और आगे बढ़ाने के लिए विभिन्न खेलों और सामाजिक गतिविधियों का आयोजन भी किया जाएगा। इस तरह के आयोजनों से दोनों देशों के बीच न केवल समुद्री सहयोग प्रणाली मजबूत होती है बल्कि दोनों देश समुद्री सुरक्षा के साझा लक्ष्यों को भी प्राप्त करने में सफल होते हैं। इसके पूर्व हाइफा में भारतीय नौ सेना का युद्धपोत 2012 में पहुंचा था।
भारतीय नौ सेना का यह अभियान मित्र देशों के साथ अंतर्राष्ट्रीय सहयोग को मजबूत करने के लिए चलने वाले कार्यक्रम “मैत्री सेतु” का अंग है। यह चार दिवसीय प्रवास भारतीय नौ सेना की उस क्षेत्र में स्थित देशों के साथ शांतिपूर्ण उपस्थिति और एकजुटता की अभिव्यक्ति है। इस तरह इसराइल और भारत दोनों को समुद्री क्षेत्र में मौजूद चुनौतियों से निपटने में सहायता मिलेगी।
1992 में भारत और इसराइल के बीच राजनयिक संबंधों की बहाली के बाद दोनों देशों के बीच द्विपक्षीय आदान-प्रदान की गति में तेजी आई है। यह द्विपक्षीय संबंध लोकतंत्र, उदार दृष्टिकोण और ज्ञान आधारित उद्यम की मजबूती के साझा सिद्धांतों पर आधारित हैं। गर्मजोशी भरे मैत्रीपूर्ण और सहयोगी वातावरण के अंतर्गत दोनों देशों के बीच रक्षा और कृषि संबंध केन्द्र में हैं। भारत ने इसराइल से महत्वपूर्ण रक्षा प्रौद्योगिकियां प्राप्त की हैं, जिनमें भारतीय नौ सेना की बराक-1 मिसाइल प्रणाली शामिल है।
आईएनएस त्रिकंद के कमाण्डर कैप्टन विनय कालिया हैं। यह पोत भारतीय नौ सेना का आधुनिक युद्धपोत है जो विभिन्न प्रकार के हथियारों और दूर संवेदी उपकरणों से लैस है। यह युद्धपोत हवा, सतह और उप-सतह की चुनौतियों से निपटने में सक्षम है। आईएनएस त्रिकंद भारतीय नौ सेना के पश्चिमी बेड़े का हिस्सा है और पश्चिमी नौ सेना कमान के फ्लैग ऑफिसर कमाण्डिंग इन चीफ के अधीन है। इसका मुख्यालय मुम्बई में है।
भारतीय नौ सेना का यह अभियान मित्र देशों के साथ अंतर्राष्ट्रीय सहयोग को मजबूत करने के लिए चलने वाले कार्यक्रम “मैत्री सेतु” का अंग है। यह चार दिवसीय प्रवास भारतीय नौ सेना की उस क्षेत्र में स्थित देशों के साथ शांतिपूर्ण उपस्थिति और एकजुटता की अभिव्यक्ति है। इस तरह इसराइल और भारत दोनों को समुद्री क्षेत्र में मौजूद चुनौतियों से निपटने में सहायता मिलेगी।
1992 में भारत और इसराइल के बीच राजनयिक संबंधों की बहाली के बाद दोनों देशों के बीच द्विपक्षीय आदान-प्रदान की गति में तेजी आई है। यह द्विपक्षीय संबंध लोकतंत्र, उदार दृष्टिकोण और ज्ञान आधारित उद्यम की मजबूती के साझा सिद्धांतों पर आधारित हैं। गर्मजोशी भरे मैत्रीपूर्ण और सहयोगी वातावरण के अंतर्गत दोनों देशों के बीच रक्षा और कृषि संबंध केन्द्र में हैं। भारत ने इसराइल से महत्वपूर्ण रक्षा प्रौद्योगिकियां प्राप्त की हैं, जिनमें भारतीय नौ सेना की बराक-1 मिसाइल प्रणाली शामिल है।
आईएनएस त्रिकंद के कमाण्डर कैप्टन विनय कालिया हैं। यह पोत भारतीय नौ सेना का आधुनिक युद्धपोत है जो विभिन्न प्रकार के हथियारों और दूर संवेदी उपकरणों से लैस है। यह युद्धपोत हवा, सतह और उप-सतह की चुनौतियों से निपटने में सक्षम है। आईएनएस त्रिकंद भारतीय नौ सेना के पश्चिमी बेड़े का हिस्सा है और पश्चिमी नौ सेना कमान के फ्लैग ऑफिसर कमाण्डिंग इन चीफ के अधीन है। इसका मुख्यालय मुम्बई में है।
[PIB]
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