इस्राइल नौसेना प्रमुख वायस एडमिरल रेम रूतबर्ग 24 से 27 अगस्त, 2015 तक भारत की अधिकारिक यात्रा पर है। एडमिरल ने आज दिन में पहले अमर जवान ज्योति पर अपने श्रद्धासुमन अर्पित किये और इसके पश्चात् नई दिल्ली के साउथ ब्लॉक लॉन में नौसेना प्रमुख एडमिरल आर.के.धोवन ने उनकी अगवानी की। वायस एडमिरल रेम रूतबर्ग को गार्ड ऑफ ऑनर भी दिया गया।
दिन के दौरान, वायस एडमिरल रेम रूतबर्ग ने दोनों देशों की नौसेनाओं के बीच व्यापक सहयोग को बढ़ाने के लिए भारतीय नौसेना प्रमुख एडमिरल आर.के. धोवन के साथ विचार-विमर्श किया। वायस एडमिरल रेम रूतबर्ग ने थल सेना प्रमुख, वायुसेना प्रमुख और रक्षा मंत्रालय के अन्य अधिकारियों के साथ भी मुलाकात की।
वायस एडमिरल रेम रूतबर्ग पश्चिमी और दक्षिणी नौसेना कमान के मुख्यालयों में विभिन्न पोतों और समुद्र तटीय प्रतिष्ठानों को देखने के लिए मुम्बई और कोच्चि की भी यात्रा करेंगे। वायस एडमिरल रेम रूतबर्ग का यह दौरा इसलिए भी महत्वपूर्ण है, क्योंकि हाल ही में शुभारंभ की गई ‘मेक इन इंडिया’ पहल के माध्यम से उच्चस्तरीय तकनीकी को प्राप्त करने के संदर्भ में भारत और इस्राइल का नौसेना सहयोग और मजबूत होगा।
भारत और इस्राइल के संबंधों की शुरूआत 17 सितम्बर, 1950 से हुई थी, जब भारत ने इस्राइल की स्थापना को मान्यता दी थी। 1992 से दोनों देशों के बीच लगातार बढ़ते संबंधों के साथ-साथ दोनों देशों के बीच रक्षा क्षेत्रों में भी महत्वपूर्ण द्विपक्षीय संबंध महत्वपूर्ण आधार रहे है।
भारत, इस्राइल से जटिल रक्षा प्रौद्योगिकियों का आयात करता है। इसके अलावा दोनों देशों के सशस्त्र बलों और रक्षाकर्मिकों के बीच नियमित आदान-प्रदान भी होता है।
वायस एडमिरल रेम रूतबर्ग का भारत दौरा उच्च स्तरीय रक्षा आदान-प्रदान को जारी रखने का एक नया आयाम भी है।
[PIB]
दिन के दौरान, वायस एडमिरल रेम रूतबर्ग ने दोनों देशों की नौसेनाओं के बीच व्यापक सहयोग को बढ़ाने के लिए भारतीय नौसेना प्रमुख एडमिरल आर.के. धोवन के साथ विचार-विमर्श किया। वायस एडमिरल रेम रूतबर्ग ने थल सेना प्रमुख, वायुसेना प्रमुख और रक्षा मंत्रालय के अन्य अधिकारियों के साथ भी मुलाकात की।
वायस एडमिरल रेम रूतबर्ग पश्चिमी और दक्षिणी नौसेना कमान के मुख्यालयों में विभिन्न पोतों और समुद्र तटीय प्रतिष्ठानों को देखने के लिए मुम्बई और कोच्चि की भी यात्रा करेंगे। वायस एडमिरल रेम रूतबर्ग का यह दौरा इसलिए भी महत्वपूर्ण है, क्योंकि हाल ही में शुभारंभ की गई ‘मेक इन इंडिया’ पहल के माध्यम से उच्चस्तरीय तकनीकी को प्राप्त करने के संदर्भ में भारत और इस्राइल का नौसेना सहयोग और मजबूत होगा।
भारत और इस्राइल के संबंधों की शुरूआत 17 सितम्बर, 1950 से हुई थी, जब भारत ने इस्राइल की स्थापना को मान्यता दी थी। 1992 से दोनों देशों के बीच लगातार बढ़ते संबंधों के साथ-साथ दोनों देशों के बीच रक्षा क्षेत्रों में भी महत्वपूर्ण द्विपक्षीय संबंध महत्वपूर्ण आधार रहे है।
भारत, इस्राइल से जटिल रक्षा प्रौद्योगिकियों का आयात करता है। इसके अलावा दोनों देशों के सशस्त्र बलों और रक्षाकर्मिकों के बीच नियमित आदान-प्रदान भी होता है।
वायस एडमिरल रेम रूतबर्ग का भारत दौरा उच्च स्तरीय रक्षा आदान-प्रदान को जारी रखने का एक नया आयाम भी है।
[PIB]
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें