वाइस एडमिरल ए आर कर्वे, एवीएसएम ने नौसेना मुख्यालय में कार्मिक प्रमुख का पदभार संभाल लिया जो 24 अगस्त, 2015 से प्रभावी होगा। वाइस एडमिरल ए आर कर्वे राष्ट्रीय रक्षा अकादमी के पूर्व छात्र हैं और उन्होंने 1 जुलाई, 1980 भारतीय नौसेना में कमीशन प्राप्त किया था। अपने शुरूआती समुद्री नियुक्ति के बाद उन्होंने 1986 में पनडुब्बी निरोधी युद्ध में विशेषज्ञता प्राप्त की और विभिन्न अग्रणी जहाजी बेड़ों पर सेवा प्रदान की। वे आईएनएस विराट (पूर्व एचएमएस हरमीस) के कमीशनिंग क्रू रह चुके हैं। उल्लेखनीय है कि आईएनएस विराट विमान वाहक पोत है, जिसके वे कमांडर रह चुके हैं। उन्होंने इंग्लैंड में प्रशिक्षण भी प्राप्त किया है। अपने 35 साल के शानदान सेवाकाल के दौरान उन्होंने जहाज और तटों पर विभिन्न महत्वपूर्ण संचालन और अन्य गतिविधियों का उत्तरदायित्व निभाया है।
कप्तान के तौर पर उन्होंने विमान वाहक पोत आईएनएस विराट और मिसाइल से लैस विध्वंसक आईएनएस रणविजय का कमान संभाला। उन्होंने आईएनएस दूनागिरी (फ्रीग्रेट) और आईएनएस अजय (एएसडब्ल्यू गश्ती जहाज) की भी कमान की। इसके अलावा उन्होंने और भी कई महत्वपूर्ण पदों पर काम किया है जिनमें फ्लीट एंटी-सबमेरीन वारफेयर अधिकारी (पश्चिमी बेड़ा), कमांड फ्लीट एंटी-सबमेरीन वारफेयर अधिकारी (पश्चिमी नौसेना कमान) और पश्चिमी नौसेना कमान में चीफ स्टाफ आफीसर (ऑपरेशंस) शामिल हैं। उन्होंने एंटी-सबमेरीन वारफेयर स्कूल, कोच्चि के प्रशिक्षक और वेलिंगटन में डिफेंस सर्विसेज स्टॉफ कॉलेज के डायरेक्टिंग स्टॉफ के रूप में भी अपनी सेवाएं प्रदान कीं। वे वेलिंगटन के डिफेंस सर्विसेज स्टॉफ कॉलेज के स्नातक हैं और उन्होंने मुंबई स्थित कॉलेज ऑफ नेवल वारफेयर से नेवल हायर कमांड कोर्स तथा वाशिंगटन डीसी (अमेरिका) के नेशनल डिफेंस यूनिवर्सिटी से नेशनल सिक्युरिटी एंड स्ट्रैटिजी में स्नातकोत्तर किया।
उन्होंने 3 साल के लिए असिस्टेंट चीफ आफ द नेवल स्टाफ (इनफार्मेशन वारफेयर एंड ऑपरेशंस), 6 माह के लिए नई दिल्ली के इंटीग्रेटेड हेडक्वार्टर्स ऑफ मिनिस्ट्री आफ डिफेंस (नेवी), 17 महीनों के लिए फ्लैग आफीसर कमांडिंग ऑफ वेस्टर्न फ्लीट तथा मुंबई में दो वर्ष के लिए वेस्टर्न नेवल कमांड के चीफ आफ स्टॉफ के रूप में काम किया है। अपनी शानदार सेवाओं के लिए उन्हें 26 जनवरी, 2013 को अतिविशिष्ट सेवा पदक प्रदान किया गया।
कप्तान के तौर पर उन्होंने विमान वाहक पोत आईएनएस विराट और मिसाइल से लैस विध्वंसक आईएनएस रणविजय का कमान संभाला। उन्होंने आईएनएस दूनागिरी (फ्रीग्रेट) और आईएनएस अजय (एएसडब्ल्यू गश्ती जहाज) की भी कमान की। इसके अलावा उन्होंने और भी कई महत्वपूर्ण पदों पर काम किया है जिनमें फ्लीट एंटी-सबमेरीन वारफेयर अधिकारी (पश्चिमी बेड़ा), कमांड फ्लीट एंटी-सबमेरीन वारफेयर अधिकारी (पश्चिमी नौसेना कमान) और पश्चिमी नौसेना कमान में चीफ स्टाफ आफीसर (ऑपरेशंस) शामिल हैं। उन्होंने एंटी-सबमेरीन वारफेयर स्कूल, कोच्चि के प्रशिक्षक और वेलिंगटन में डिफेंस सर्विसेज स्टॉफ कॉलेज के डायरेक्टिंग स्टॉफ के रूप में भी अपनी सेवाएं प्रदान कीं। वे वेलिंगटन के डिफेंस सर्विसेज स्टॉफ कॉलेज के स्नातक हैं और उन्होंने मुंबई स्थित कॉलेज ऑफ नेवल वारफेयर से नेवल हायर कमांड कोर्स तथा वाशिंगटन डीसी (अमेरिका) के नेशनल डिफेंस यूनिवर्सिटी से नेशनल सिक्युरिटी एंड स्ट्रैटिजी में स्नातकोत्तर किया।
उन्होंने 3 साल के लिए असिस्टेंट चीफ आफ द नेवल स्टाफ (इनफार्मेशन वारफेयर एंड ऑपरेशंस), 6 माह के लिए नई दिल्ली के इंटीग्रेटेड हेडक्वार्टर्स ऑफ मिनिस्ट्री आफ डिफेंस (नेवी), 17 महीनों के लिए फ्लैग आफीसर कमांडिंग ऑफ वेस्टर्न फ्लीट तथा मुंबई में दो वर्ष के लिए वेस्टर्न नेवल कमांड के चीफ आफ स्टॉफ के रूप में काम किया है। अपनी शानदार सेवाओं के लिए उन्हें 26 जनवरी, 2013 को अतिविशिष्ट सेवा पदक प्रदान किया गया।
[PIB]
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