ग्राम पंचायतों और नगर पालिकाओं के लिए 2.87 लाख करोड़ रूपए की अनुदान सहायता
1 मई, 2018 तक शत-प्रतिशत गांवों में विद्युतीकरण
गरीबों को रसोई गैस कनेक्शन देने के लिए विशाल अभियान की घोषणा
प्रत्येक परिवार को 1 लाख रूपए तक का स्वास्थ्य कवर प्रदान करने के लिए नई स्वास्थ्य सुरक्षा योजना1500 बहु-कौशल प्रशिक्षण संस्थानों की स्थापना की जाएगीबुनियादी ढ़ांचा विकास पर बल
19.78 लाख रूपए का कुल लक्षित परिव्यय
वित्त मंत्री श्री अरूण जेटली द्वारा आज लोक सभा में प्रस्तुत किए गए आम बजट 2016-17 की प्रमुख विशेषताएं- कृषि और किसान कल्याण पर प्रमुख रूप से ध्यान देना, गरीबों को रसोई गैस कनेक्शन देने के लिए विशाल अभियान की घोषणा करना, प्रत्येक परिवार को 1 लाख रूपए तक का स्वास्थ्य कवर प्रदान करने के लिए नई स्वास्थ्य सुरक्षा योजना, बुनियादी ढ़ांचा विकास पर बल, ग्राम पंचायतों और नगर पालिकाओं के लिए 2.87 लाख करोड़ रूपए की अनुदान सहायता, 1500 बहु-कौशल प्रशिक्षण संस्थानों की स्थापना करने और रोजगार के अवसर बढ़ाने को प्रोत्साहन देना हैं। अनेक नई योजनाओं की घोषणा कर और विभिन्न क्षेत्रों में वित्तीय आवंटन बढ़ाने के बारे में बताते हुए श्री जेटली ने कहा कि सरकार अपने विकास एजेंडा से समझौता किए बिना राजकोषीय समेकन की ओर बढ़ने के लिए दृढ़ संकल्प है। उन्होंने कहा कि वित्तीय वर्ष 2016-17 के लिए लक्षित राजकोषीय घाटा 3.5 प्रतिशत है।
अंतरराष्ट्रीय मुद्राकोष (आईएमएफ) द्वारा भारत को मंद पड़ती वैश्विक अर्थव्यवस्था के बीच एक ‘देदीप्यमान प्रकाश स्तंभ’ का नाम देने के बारे में बताते हुए वित्त मंत्री ने कहा कि पिछली सरकार के अंतिम तीन वर्ष की सकल घरेलू उत्पाद वृद्धि दर 6.3 प्रतिशत की तुलना में अब सकल घरेलू उत्पाद में बढ़ोत्तरी होकर यह 7.6 प्रतिशत हो गयी है। उन्होंने कहा कि यह उपलब्धि पिछली सरकार के अंतिम तीन वर्षों के दौरान कोई सामान्य वर्षा की तुलना में लगातार दो वर्षों में मॉनसून की वर्षा में 13 प्रतिशत की कमी के बावजूद हासिल की गई। उन्होंने कहा कि देश की वैदेशिक स्थ्िाति सुदृढ़ है। चालू खाता घाटा पिछले वर्ष के पूर्वार्द्ध के 18.4 विलियन डालर से घट कर इस वर्ष 14.4 विलियन डालर रह गया।
वैश्विक स्तर पर मंदी के जोखिम पर चिंता जताते हुए उन्होंने कहा कि इससे भारत के लिए आर्थिक प्रबंधन का कार्य पेचिदा हो रहा है। उन्होंने कहा कि वित्तीय वर्ष 2015-16 और 2016-17 सरकारी व्यय के लिए अति चुनौतीपूर्ण रहे हैं और रहेंगे। उन्होंने कहा कि सातवें केंद्रीय वेतन आयोग की सिफारिशों और रक्षा कर्मियों के लिए ‘एक रैंक एक पेंशन’ (ओआरओपी) के कार्यान्वयन के कारण अगले वित्त वर्ष में अतिरिक्त बोझ पड़ेगा। सरकार की व्यय प्राथमिकताओं के बारे में बताते हुए श्री जेटली ने कहा कि सरकार कृषि और ग्रामीण, सामाजिक, बुनियादी ढांचा क्षेत्र के व्यय में वृद्धि करना और बैंकों को पून: पूंजीकरण की व्यवस्था को बढ़ावा देना चाहती है।
वित्त मंत्री ने कहा कि सरकार कमजोर वर्गों की मदद के लिए तीन मुख्य योजनाएं शुरू करेगी। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना की घोषणा पहले ही की जा चुकी है। किसान बीमा प्रीमियम की मामूली राशि अदा करेगा और कोई नुकसान होने की स्थ्िाति में सर्वाधिक मुआवजा प्राप्त करेगा।
श्री जेटली ने स्वास्थ्य बीमा योजना की भी घोषणा की, जिससे देश की एक तिहाई आबादी को स्वास्थ संबंधी सुरक्षा प्रदान की जाएगी। उन्होंने गरीबी रेखा से नीचे के परिवारों को सरकारी सब्सिडी की मदद से रसोई गैस कनेक्शन की सुविधा देने की नई पहल की भी घोषणा की।
श्री जेटली ने कहा कि सरकार महत्त्वपूर्ण सुधार करेगी जैसे ऐसा कानून बनाया जाएगा, जो यह सुनिश्चित करे कि सभी सरकारी लाभ उन्हीं व्यक्तियों को दिए जाए जो उसके पात्र हों, ऐसा ‘आधार’ मंच को सांविधिक समर्थन देकर किया जाएगा। वित्त मंत्री ने कहा कि बाजार स्वतंत्रता उपलब्ध कराकर तेल और गैस की खोज तथा कठिन क्षेत्रों में गैस के दोहन को प्रोत्साहित किया जाएगा। यह एक प्रमुख सुधारात्मक उपाय है। उन्होंने कहा कि मुकदमेबाजी किसी भी कर अनुकूल प्रणाली के लिए नुकसानदायक होती है और अविश्वास का माहौल पैदा करती है। मुकदमेबाजी से करदाताओं की अनुपालन लागत और सरकार की प्रशासनिक लागत भी बढ़ती है। प्रथम अपीलीय प्राधिकरण के समक्ष कर संबंधी लगभग 3 लाख मामले लंबित पड़े हैं, जिनकी विवादित राशि 5.5 लाख करोड़ रुपये है। इनकी संख्या को कम करने के उद्देश्य से नई विवाद निपटान योजना (डीआरएस) का शुभारंभ किया गया है।
वित्त मंत्री ने कहा कि अगले वर्ष का हमारा एजेंडा ‘ट्रांसफॅार्म इंडिया’ की दिशा में होगा। उन्होंने कहा कि बजट प्रस्ताव नौ विशिष्ट स्तंभों के साथ इसी परिवर्तनकारी एजेंडा पर टिके हैं। इनमें कृषि और किसानों का कल्याण, ग्रामीण क्षेत्र, स्वास्थ्य देख-भाल, शिक्षा, कौशल और रोजगार के अवसर उत्पन्न करने सहित सामाजिक क्षेत्र, बुनियादी ढांचा और निवेश, वित्तीय क्षेत्र सुधार, शासन और कारोबार करने में सुगमता, राजकोषीय अनुशासन और कर सुधार शामिल हैं।
श्री जेटली ने घोषणा की कि सरकार 2022 तक किसानों की आमदनी दुगुनी करने के लिए खेत और खेत से इतर क्षेत्रों में दिश बदलने की कार्रवाई करेगी। उन्होंने कहा कि कृषि और किसान कल्याण के लिए कुल 35,984 करोड़ रुपए आवंटित किए गए हैं। उन्होंने कहा कि ‘प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना’ को सुदृढ़ कर अभियान के रूप में कार्यान्वित किया जाएगा।
वित्त मंत्री ने कहा कि लगभग 20,000 करोड़ रुपये की प्रारंभिक कॉर्पस निधि से नाबार्ड में एक समर्पित दीर्घावधिक सिंचाई निधि बनाई जाएगी। इसे प्राप्त करने के लिए वर्ष 2016-17 में बजटीय सहायता और बाजार ऋणों के जरिए कुल 12,517 करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया है। इसके साथ ही 6,000 करोड़ रुपये की अनुमानित लागत पर संपोषणीय भूजल संसाधन प्रबंधन का एक बड़ा कार्यक्रम तैयार किया गया है और इसके लिए बहुपक्षीय निधियन का प्रस्ताव है।
श्री जेटली ने कहा कि मृदा स्वास्थ्य कार्ड स्कीम को अब ज्यादा उत्साह से लागू किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि मार्च 2017 तक सभी 14 करोड़ जोतों को इसके अंतर्गत शामिल करने का लक्ष्य है। उन्होंने कहा कि उर्वरक कंपनियों के 2000 मॉडल खुदरा बिक्री केंद्रों को अगले 3 वर्षों के दौरान मृदा और बीज परीक्षण सुविधाएं उपलब्ध कराई जाएंगी।
वित्तमंत्री ने कहा कि किसानों के लिए पर्याप्त और समय पर ऋण का प्रवाह सुनिश्चित करने पर विशेष ध्यान दिया गया है। वर्ष 2015-16 में 8.5 लाख करोड़ रुपये के लक्ष्य की तुलना में वर्ष 2016-17 में कृषि ऋण के लिए लक्ष्य अब तक का सबसे अधिक 9 लाख करोड़ रुपये का होगा। किसानों पर ऋण चुकाने के भार को कम करने के लिए बजट अनुमान 2016-17 में ब्याज सहायता के लिए 15 हजार करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया है।
श्री जेटली ने कहा कि सरकार ने अतिमहत्वपूर्ण और अग्रणी योजना – प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना का अनुमोदन किया है। उन्होंने कहा कि इसके लिए वर्ष 2016-17 के बजट में 5,500 करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया है। वित्तमंत्री ने कहा कि किसानों के लिए डेयरी उद्योग को अधिक लाभकारी बनाने के लिए 4 नई परियोजनाएं शुरू की जाएंगी : पहली, पशुधन संजीवनी, दूसरी उन्नत ब्रीडिंग प्रोद्योगिकी, तीसरी ई-पशुधन हाट का सृजन और चौथी देसी प्रजनन के लिए एक राष्ट्रीय जेनोमिक केंद्र।
ग्रामीण क्षेत्र का उल्लेख करते हुए श्री जेटली ने कहा कि 14वें वित्त आयोग की सिफारिशों के अनुसार सहायता अनुदान के रूप में ग्राम पंचायतों और नगरपालिकाओं को 2.87 लाख करोड़ की राशि दी जाएगी। इस निधि के मौजूदा आबंटन से प्रति ग्राम पंचायत औसतन 80 लाख रुपये से अधिक और प्रति शहरी स्थानीय निकाय 21 करोड़ रुपये से अधिक की सहायता मिलेगी।
श्री जेटली ने कहा कि सूखा और ग्रामीण आपदा वाले क्षेत्रों पर विशेष ध्यान देने की आवश्यकता है। उन्होंने कहा कि इन आपदाग्रस्त क्षेत्रों के प्रत्येक ब्लॉक को दीनदयाल अंत्योदय मिशन के तहत एक विशिष्ट ब्लॉक के रूप में लिया जाएगा। वर्ष 2016-17 में मनरेगा के लिए 38,500 करोड़ रुपये की राशि आबंटित की गई है। उन्होंने कहा कि श्यामा प्रसाद मुखर्जी ग्रामीण शहरी मिशन के अंतर्गत 300 ग्रामीण-शहरी क्लस्टरों का विकास किया जाएगा।
उन्होंने कहा कि 23 फरवरी 2016 तक 5542 गांवों का विद्युतीकरण किया जा चुका है। यह पिछले तीन वर्षों में हासिल की गई उपलब्धियों से भी अधिक है। उन्होंने कहा कि सरकार 1 मई 2018 तक शतप्रतिशत गांवों में बिजली पहुंचाने के लिए प्रतिबद्ध है। दीनदयाल उपाध्याय ग्राम ज्योति योजना और एकीकृत विद्युत विकास योजनाओं के लिए 8500 करोड़ रुपये की व्यवस्था की गई है।
वित्तमंत्री ने कहा कि गरीब परिवारों की महिला सदस्यों के नाम रसोई गैस कनेक्शन मुहैया कराने के लिए विशाल मिशन शुरू करने का फैसला किया गया है। इसके लिए इस साल के बजट में 2000 करोड़ रुपये की व्यवस्था की गई है।
उन्होंने कहा कि सरकार एक नई स्वास्थ्य सुरक्षा योजना शुरू करेगी, जिसमें प्रति परिवार एक लाख रुपये तक का स्वास्थ्य कवर प्रदान किया जाएगा। इसके तहत 60 वर्ष या इससे ज्यादा उम्र वाले वरिष्ठ नागरिकों के लिए 30 हजार रुपये का कौशल अतिरिक्त टॉपअप पैकेज दिया जाएगा। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री जन औषधि योजना के अंतर्गत वर्ष 2016-17 के दौरान 3000 स्टोर खोले जाएंगे। इसके अलावा उन्होंने राष्ट्रीय डाइलिसिस सेवा कार्यक्रम की शुरुआत करने का भी प्रस्ताव किया।
वित्तमंत्री ने कहा कि सर्वशिक्षा अभियान के तहत बड़ा आबंटन किया जाएगा और अगले दो वर्ष में इस योजना में अब तक शामिल न किए गए शेष जिलों में 62 नए नवोदय विद्यालय खोले जाएंगे।
वित्तमंत्री ने कौशल विकास पर जोर देते हुए कहा कि सरकार प्रधानमंत्री कौशल विकास योजना के जरिए उद्यमिता को युवाओं के दरवाजे पर लाना चाहती है। उन्होंने कहा कि देशभर में 1500 बहुकौशल प्रशिक्षण संस्थानों की स्थापना का निर्णय लिया गया है और इनके लिए 1700 करोड़ रुपये की राशि अलग से रखी जा रही है।
श्री जेटली ने कहा कि औपचारिक क्षेत्र में नए रोजगार के सृजन में तेजी लाने के लिए भारत सरकार कर्मचारी भविष्य निधि संगठन में नामांकन कराने वाले सभी कर्मचारियों के लिए उनकी नियुक्ति की तारीख से आरंभिक तीन वर्षों के लिए 8.33 प्रतिशत के हिसाब से कर्मचारी पेंशन योजना अंशदान का भुगतान करेगी।
वित्तमंत्री ने बुनियादी ढांचा और निवेश पर विशेष जोर देते हुए बताया कि सड़क और राजमार्गों के लिए बजट में 55 हजार करोड़ रुपए की राशि का आवंटन किया गया है। प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना सहित सड़क क्षेत्र के लिए 2016-17 में 97 हजार करोड़ रुपए आवंटित किये जाएंगे। उन्होंने कहा कि 2016-17 के दौरान सड़क क्षेत्र में कुल निवेश 97 हजार करोड़ रुपए होगा। रेलवे के पूंजीगत व्यय को मिलाकर पूंजीगत व्यय को बढ़ाकर कुल परिव्यय 2,18,000 करोड़ रुपए होगा।
सरकार ने ग्रीन फील्ड बंदरगाहों को विकसित करने की योजना बनाई है। सरकार राष्ट्रीय जल मार्ग के काम में तेजी ला रही है और इन पहलों के लिए 800 करोड़ रुपए उपलब्ध कराये गये है। नागर विमानन क्षेत्र में बिना प्रयोग और कम प्रयोग वाले हवाई अड्डों को चालू करने के लिए कार्य योजना तैयार की है। 160 हवाई अड्डों और हवाई पट्टियों पर राज्य सरकार के साथ 50 से 100 करोड़ रुपए प्रत्येक की सूचक लागत पर पुनरुद्धार किया जाएगा। विद्युत क्षेत्र के लिए अगले 15 से 20 वर्षों के दौरान परमाणु विद्युत उत्पादन में निवेश करने की व्यापक योजना बनाई गई है। बुनियादी ढांचे के और विकास के लिए 31,300 करोड़ रुपए अतिरिक्त वित्तीय राशि को बॉण्ड के माध्यम से जुटाने की अनुमति दी जाएगी। बीमा और पेंशन तथा परिसंपत्ति पुनर्गठन के क्षेत्र में एफडीआई नीति में सुधार की घोषणा की गई है।
श्री जेटली ने अनेक वित्तीय क्षेत्र सुधारों की घोषणा की है। मौद्रिक नीति ढांचा और मौद्रिक नीति समिति के लिए वित्त विधेयक 2016 के माध्यम से सांविधिक आधार उपलब्ध कराने के लिए आरबीआई एक्ट 1934 को संशोधित किया जा रहा है। उन्होंने घोषणा की कि सार्वजनिक क्षेत्र बैंकों को पुन: पूंजीकरण के लिए 25 हजार करोड़ रुपए आवंटन का प्रस्ताव किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि सरकार विभिन्न मंत्रालयों में मानव संसाधनों की तर्कसंगतता के लिए एक कार्यबल का गठन किया गया है। उन्होंने कहा कि ‘एक भारत, श्रेष्ठ भारत’ राज्यों और जिलों को जोड़ने के लिए शुरू किया जाएगा। देश की वित्तीय स्थिति के बारे में उन्होंने कहा कि 2015-16 संशोधित अनुमान और 2016-17 बजट अनुमानों में वित्तीय घाटा क्रमश: 3.9 और 3.5 प्रतिशत पर रखा गया है। राजस्व घाटा लक्ष्य को 2015-16 के संशोधित अनुमानों में 2.8 प्रतिशत से सुधार कर 2.5 प्रतिशत किया गया है। 2016-17 के लिए बजट में कुल व्यय 19.78 करोड़ रुपए अनुमानित है, जिसमें 5.5 लाख करोड़ रुपए योजना के अधीन और 14.28 लाख करोड़ रुपए गैर योजना के अधीन है।
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विवेकगौड़/वि.कासोटिया/अर्चना/इन्द्रपाल/राजीव/शशि/रीता/मनीषा/संजीव/विमला/सुनीता/गीता/सुनील/जगदीश-29
(Release ID 46351)
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