परमाणु ऊर्जा उत्पन्न करने में निवेश बढ़ाने के लिए व्यापक योजना
लोकसभा में आज आम बजट 2016-17 प्रस्तुत करते हुए वित्तमंत्री श्री अरुण जेटली ने कहा कि बाजार स्वतंत्रता उपलब्ध कराकर तेल और गैस की खोज तथा कठिन क्षेत्रों में गैस के दोहन को प्रोत्साहित किया जाएगा। यह एक प्रमुख सुधारात्मक उपाय है। आत्मनिर्भर बनने के प्रयासों के हिस्से के रूप में सरकार गहरे पानी, अति गहरे पानी और उच्च दबाव तथा उच्च ताप वाले क्षेत्रों में ऐसे गैस उत्पादन को प्रोत्साहित करने पर विचार कर रही है, जिनका उच्च लागत और उच्च जोखिम के चलते दोहन नहीं किया जा रहा है । विद्युत क्षेत्र में सरकार परमाणु ऊर्जा उत्पन्न करने के लिए अगले 15 से 20 वर्षों में निवेश बढ़ाने के लिए व्यापक योजना तैयार कर रही है। इस उद्देश्य के लिए सार्वजनिक क्षेत्र से निवेश के साथ ही आवश्यक निवेश हेतु प्रतिवर्ष 3000 करोड़ रुपये का बजटीय आबंटन किया जाएगा।
वित्तमंत्री ने कहा कि वर्ष 2016-17 के दौरान सरकार एनएचएआई, पीएफसी, आरईसी, आईआरईडीए, नाबार्ड और अंतर्देशीय जल प्राधिकरण के बॉन्ड जारी करके लगभग 31,300 करोड़ रुपये तक की अतिरिक्त राशि जुटाने की अनुमति देगी। बुनियादी ढांचा के अन्य क्षेत्र में सरकार ने पिछले दो दशकों में उच्च कोयला उत्पादन वृद्धि हासिल की है, जो कोयला उत्पादन में सर्वोत्तम क्षमता, ट्रांसमिशन लाइन और एलईडी बल्ब के वितरण में सबसे अधिक बढ़ोतरी है।
****
विवेक गौड़/वि.कासोटिया/अर्चना/इन्द्रपाल/राजीव/शशि/रीता/मनीषा/संजीव/विमला/सुनीता/गीता/सुनील/जगदीश-10
(Release ID 46347)
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें