सेना के तीनों अंगों के प्रमुखों की समिति (सीओएससी) के अध्यक्ष एवं वायु सेना प्रमुख एयर चीफ मॉर्शल अरूप राहा ने आज लखनऊ का दौरा किया। वायुसेना प्रमुख ने ला मार्टिनियर कॉलेज में उसके पूर्व सैनिकों को सम्मान देने के लिए आयोजित विशेष समारोह में संबोधन दिया। इस अवसर पर सम्मानित किये जाने वाले सैनिकों में 1965 के युद्ध में प्रसिद्ध किलोर बंधु और फ्लाइट लेफ्टिनेंट अल्फ्रेड टाइरोन कुक तथा 1971 के युद्ध के हीरो एयर वाइस मॉर्शल हरबंस परमिंदर सिंह भी शामिल थे। स्वर्गीय विंग कोमोडोर ट्रेवोर किलोर की पत्नी श्रीमती पेट्रिशिया किलोर ने अपने पति के सम्मान में लगी स्मारक पट्टिका का अनावरण किया।
इस अवसर पर सेना प्रमुख ने कहा- ‘1965 के युद्ध के दौरान प्रसिद्ध किलोर बंधुओं और फ्लाइट लेफ्टिनेंट अल्फ्रेड टाइरोन कुक द्वारा प्रदर्शित साहस, बहादुरी और नेतृत्व, वायुसेना के निर्णायक प्रभाव का बेहतरीन उदाहरण है जिसे पूरा राष्ट्र सम्मान के साथ स्वीकार करता है। 1965 के युद्ध में भारतीय वायु सेना की सबसे बड़ी उपलब्धि चम्ब-जौरियन सेक्टर में पाकिस्तानी सेना की बख्तरबंद गाडि़यों को रोकना था जिसके परिणामस्वरूप जम्मू-कश्मीर को शेष भारत से काटने का ‘ऑपरेशन ग्रैंड स्लेम’ विफल हो गया।
वायुसेना में बदलाव के बारे में वायुसेना प्रमुख ने कहा – ‘वायुसेना बहु स्पैक्ट्रम रणनीतिक बल में परिवर्तित हो गई है। भारत के विकास के साथ वायुसेना का विकास हुआ है और इसका ध्येय हमारे हित के क्षेत्रों में प्रभुत्व बढ़ाने के लिए आवश्यक रणनीतिक सफलता हासिल करना है’।
एयर चीफ मॉर्शल अरूप राहा ने भारतीय सैन्यबलों को सुदृढ़ करने में पूर्व सैनिकों के अभूतपूर्व योगदान पर आभार व्यक्त किया। उन्होंने कहा कि हमारे सम्मानीय पूर्व सैनिकों के साहसिक कार्यों और त्याग के लिए वर्तमान और भविष्य की पीढ़ी हमेशा उनकी ऋणी रहेगी। वायुसेना प्रमुख ने अंत में कॉलेज के प्रधानाचार्य, कर्मचारियों और छात्रों को शुभकामनाएं दीं और इसके पूर्व छात्रों के सेना में शामिल होने तथा कॉलेज की समृद्ध विरासत के लिए आभार व्यक्त किया।
इस अवसर पर सेना प्रमुख ने कहा- ‘1965 के युद्ध के दौरान प्रसिद्ध किलोर बंधुओं और फ्लाइट लेफ्टिनेंट अल्फ्रेड टाइरोन कुक द्वारा प्रदर्शित साहस, बहादुरी और नेतृत्व, वायुसेना के निर्णायक प्रभाव का बेहतरीन उदाहरण है जिसे पूरा राष्ट्र सम्मान के साथ स्वीकार करता है। 1965 के युद्ध में भारतीय वायु सेना की सबसे बड़ी उपलब्धि चम्ब-जौरियन सेक्टर में पाकिस्तानी सेना की बख्तरबंद गाडि़यों को रोकना था जिसके परिणामस्वरूप जम्मू-कश्मीर को शेष भारत से काटने का ‘ऑपरेशन ग्रैंड स्लेम’ विफल हो गया।
वायुसेना में बदलाव के बारे में वायुसेना प्रमुख ने कहा – ‘वायुसेना बहु स्पैक्ट्रम रणनीतिक बल में परिवर्तित हो गई है। भारत के विकास के साथ वायुसेना का विकास हुआ है और इसका ध्येय हमारे हित के क्षेत्रों में प्रभुत्व बढ़ाने के लिए आवश्यक रणनीतिक सफलता हासिल करना है’।
एयर चीफ मॉर्शल अरूप राहा ने भारतीय सैन्यबलों को सुदृढ़ करने में पूर्व सैनिकों के अभूतपूर्व योगदान पर आभार व्यक्त किया। उन्होंने कहा कि हमारे सम्मानीय पूर्व सैनिकों के साहसिक कार्यों और त्याग के लिए वर्तमान और भविष्य की पीढ़ी हमेशा उनकी ऋणी रहेगी। वायुसेना प्रमुख ने अंत में कॉलेज के प्रधानाचार्य, कर्मचारियों और छात्रों को शुभकामनाएं दीं और इसके पूर्व छात्रों के सेना में शामिल होने तथा कॉलेज की समृद्ध विरासत के लिए आभार व्यक्त किया।
[PIB]
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