पीटीआई-भाषा संवाददाता 19:3 HRS IST
: योशिता सिंह : न्यूयार्क, 26 सितंबर :भाषा: संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में भारत को स्थायी सदस्य बनाये जाने की मजबूत पैरवी को आगे बढ़ाते हुए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने आज कहा कि संयुक्त राष्ट्र में नियत समयसीमा के भीतर सुधार करके सुरक्षा परिषद में विश्व के सबसे बड़े लोकतंत्रों, वैश्विक अर्थव्यवस्था के बड़े इंजनों और सभी बड़े महाद्वीपों की आवाजों को शामिल किया जाना चाहिए।
समूह चार की बैठक में प्रधानमंत्री ने कहा कि इस दिशा में दस्तावेज आधारित वार्ता की शुरूआत महत्वपूर्ण पहला कदम है लेकिन संयुक्त राष्ट्र महासभा के 70वें अधिवेशन में इसे ता*++++++++++++++++++++++++++++र्*क निष्कर्ष तक पहुंचाया जाए।
प्रधानमंत्री ने सुरक्षा परिषद में स्थायी सदस्यता के बड़े दावेदारों जापान, जर्मनी, ब्राजील और भारत की सदस्यता वाले जी चार की बैठक की अध्यक्षता करते हुए यह आह्वान किया और कहा, ‘‘हमारे संस्थान खासकर संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद उस शताब्दी की सोच को प्रतिबिंबित करते हैं जिसे हम पीछे छोड़ चुके हैं, न कि उस शताब्दी की जिसमें हम रह रहे हैं।’’ मोदी ने कहा, ‘‘ संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के सुधार का विषय दशकों से वैश्विक विचार का केंद्र रहा है लेकिन दुर्भाग्यवश बिना किसी प्रगति के ।’’ उन्होंने कहा कि जब संयुक्त राष्ट्र का जन्म हुआ था, उससे अब हम बुनियादी रूप से भिन्न विश्व में रह रहे हैं जिसमें जटिल और अपरिभाषित चुनौतियों का सामना किया जा रहा है जिनमें जलवायु परिवर्तन और आतंकवाद प्रमुख है। प्रधानमंत्री ने कहा, ‘‘ सुरक्षा परिषद में विश्व के सबसे बड़े लोकतंत्रों, वैश्विक अर्थव्यवस्था के बड़े इंजनों और सभी बड़े महाद्वीपों की आवाजों को शामिल किया जाना चाहिए । ’’ विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता विकास स्वरूप ने ट्वीट किया कि जी4 ने गति पायी है और जापान, जर्मनी ब्राजील और भारत के नेता संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में सुधार की जरूरत पर ध्यान केंद्रित कर पा रहे हैं।
बैठक में ब्राजील के राष्ट्रपति दिल्मा रूसेफ, जर्मनी की चांसलर एंजेला मर्केल और जापान के प्रधानमंत्री शिजो एबे ने भी अपने विचार रखे ।
जनसांख्यिकी, शहरीकरण और पलायन जैसी आधुनिक युग की चुनौतियों की चर्चा करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा, ‘‘ सुरक्षा परिषद में नियत समसीमा के भीतर सुधार तुरंत किये जाने वाला महत्वपूर्ण कार्य है। ’’ जारी
समूह चार की बैठक में प्रधानमंत्री ने कहा कि इस दिशा में दस्तावेज आधारित वार्ता की शुरूआत महत्वपूर्ण पहला कदम है लेकिन संयुक्त राष्ट्र महासभा के 70वें अधिवेशन में इसे ता*++++++++++++++++++++++++++++र्*क निष्कर्ष तक पहुंचाया जाए।
प्रधानमंत्री ने सुरक्षा परिषद में स्थायी सदस्यता के बड़े दावेदारों जापान, जर्मनी, ब्राजील और भारत की सदस्यता वाले जी चार की बैठक की अध्यक्षता करते हुए यह आह्वान किया और कहा, ‘‘हमारे संस्थान खासकर संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद उस शताब्दी की सोच को प्रतिबिंबित करते हैं जिसे हम पीछे छोड़ चुके हैं, न कि उस शताब्दी की जिसमें हम रह रहे हैं।’’ मोदी ने कहा, ‘‘ संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के सुधार का विषय दशकों से वैश्विक विचार का केंद्र रहा है लेकिन दुर्भाग्यवश बिना किसी प्रगति के ।’’ उन्होंने कहा कि जब संयुक्त राष्ट्र का जन्म हुआ था, उससे अब हम बुनियादी रूप से भिन्न विश्व में रह रहे हैं जिसमें जटिल और अपरिभाषित चुनौतियों का सामना किया जा रहा है जिनमें जलवायु परिवर्तन और आतंकवाद प्रमुख है। प्रधानमंत्री ने कहा, ‘‘ सुरक्षा परिषद में विश्व के सबसे बड़े लोकतंत्रों, वैश्विक अर्थव्यवस्था के बड़े इंजनों और सभी बड़े महाद्वीपों की आवाजों को शामिल किया जाना चाहिए । ’’ विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता विकास स्वरूप ने ट्वीट किया कि जी4 ने गति पायी है और जापान, जर्मनी ब्राजील और भारत के नेता संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में सुधार की जरूरत पर ध्यान केंद्रित कर पा रहे हैं।
बैठक में ब्राजील के राष्ट्रपति दिल्मा रूसेफ, जर्मनी की चांसलर एंजेला मर्केल और जापान के प्रधानमंत्री शिजो एबे ने भी अपने विचार रखे ।
जनसांख्यिकी, शहरीकरण और पलायन जैसी आधुनिक युग की चुनौतियों की चर्चा करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा, ‘‘ सुरक्षा परिषद में नियत समसीमा के भीतर सुधार तुरंत किये जाने वाला महत्वपूर्ण कार्य है। ’’ जारी
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