भारतीय सैन्य बलों की शस्त्रागार को बढ़ावा देते हुए रक्षा मंत्री श्री मनोहर पर्रिकर ने बोइंग पी-81 (पोसिडोन एट इंडिया) लंबी दूरी के समुद्री गश्ती विमान को आज राष्ट्र को समर्पित किया। इसके लिए आज सुबह चेन्नई से 70 किलोमीटर की दूरी पर स्थित देश के प्रमुख नौसेना के एयर स्टेशन आईएनएस रजाली, अरक्कोनम में एक भव्य समारोह आयोजित किया गया।
इस समारोह में नौसेना प्रमुख एडमिरल श्री आर. के. धोवन और फ्लैग आफिसर कमांडिंग इन चीफ, पूर्वी नौसेना कमान के वाइस एडमिरल श्री सतीश सोनी सहित कई गणमान्य उपस्थित थे।
श्री पर्रिकर ने आज सुबह पोर्टब्लेयर में आईएनएस रजाली से बोइंग पी-81 से उड़ान भरी। उन्होंने इस विमान को दुनिया में सबसे बेहतर निगरानी विमान बताया। उड़ान के दौरान श्री पर्रिकर को इस विमान के विभिन्न सेंसर और अन्य उत्कृष्ट उपकरणों तथा उनकी क्षमताओं के बारे में जानकारी दी गई। उन्होंने कहा कि इस विमान से भारतीय नौसेना की व्यापक निगरानी में आवश्यक पहुंच बढ़ेगी और उसे लचीलापन मिलेगा। इसके साथ ही हमारे हित के क्षेत्रों में आकास्मिक घटना की स्थिति में तेजी से और प्रभावी कार्रवाई की जा सकेगी।
इस विमान को तेजी से बेड़े में शामिल कर, इसे परिचालित करने के लिए श्री पर्रिकर ने विशेष रूप से नौसेना और उसकी वायु शाखा को बधाई दी। इससे भविष्य की लड़ाइयों में राष्ट्र के सैन्य बलों का प्रभुत्व बढ़ेगा। आईएनएस रजाली और उसके कर्मचारियों द्वारा किए गए प्रयासों को देखते हुए श्री पर्रिकर ने सराहना की कि कम समय में ही पी-81 विमान ने कई उपलब्धियां हासिल की है, जिसमें मलेशियाई एयरलाइंस की उड़ान एमएच-370 की खोज में हिस्सा लेना, विश्व में पहली हारपून ब्लॉक-2 मिसाइल का सफल शुभारंभ, टॉरपिडो फायरिंग और प्रमुख नौसैनिक अभ्यासों में सक्रिय प्रतिभागिता शामिल हैं।
पी-81 विमान, पी-8ए पोसिडोन विमान का रूप है, जिसे अमरीकी नौसेना के पुराने पी-3 जहाज के स्थान पर विकसित किया गया था। भारतीय नौसेना पी-8 विमान के लिए पहला अंतर्राष्ट्रीय उपभोक्ता बन गया है। भारत ने 01 जनवरी, 2009 को करीब 2.1 बिलियन अमरीकी डॉलर की कीमत से कुल आठ विमान खरीदे। भारत में पहला विमान 15 मई, 2013 को पहुंचा और अब तक सभी आठ विमानों को भारतीय नौसेना में शामिल कर लिया गया है।
पी-81 विमान में लंबी दूरी की पनडुब्बी रोधक रक्षा उपकरण, सतह से हमले को रोकने के रक्षा उपकरण, खुफिया, निगरानी के लिए उपकरण लगे हुए हैं।
यह विमान, आईएनएस रजाली पर स्थित है और कमांडर वेंकटेश्वरन रंगनाथन की कमान में भारतीय नौसेना के एयर स्कवेड्रन 312 ए द्वारा इसका परिचालन किया जाता है।
[PIB]
इस समारोह में नौसेना प्रमुख एडमिरल श्री आर. के. धोवन और फ्लैग आफिसर कमांडिंग इन चीफ, पूर्वी नौसेना कमान के वाइस एडमिरल श्री सतीश सोनी सहित कई गणमान्य उपस्थित थे।
श्री पर्रिकर ने आज सुबह पोर्टब्लेयर में आईएनएस रजाली से बोइंग पी-81 से उड़ान भरी। उन्होंने इस विमान को दुनिया में सबसे बेहतर निगरानी विमान बताया। उड़ान के दौरान श्री पर्रिकर को इस विमान के विभिन्न सेंसर और अन्य उत्कृष्ट उपकरणों तथा उनकी क्षमताओं के बारे में जानकारी दी गई। उन्होंने कहा कि इस विमान से भारतीय नौसेना की व्यापक निगरानी में आवश्यक पहुंच बढ़ेगी और उसे लचीलापन मिलेगा। इसके साथ ही हमारे हित के क्षेत्रों में आकास्मिक घटना की स्थिति में तेजी से और प्रभावी कार्रवाई की जा सकेगी।
इस विमान को तेजी से बेड़े में शामिल कर, इसे परिचालित करने के लिए श्री पर्रिकर ने विशेष रूप से नौसेना और उसकी वायु शाखा को बधाई दी। इससे भविष्य की लड़ाइयों में राष्ट्र के सैन्य बलों का प्रभुत्व बढ़ेगा। आईएनएस रजाली और उसके कर्मचारियों द्वारा किए गए प्रयासों को देखते हुए श्री पर्रिकर ने सराहना की कि कम समय में ही पी-81 विमान ने कई उपलब्धियां हासिल की है, जिसमें मलेशियाई एयरलाइंस की उड़ान एमएच-370 की खोज में हिस्सा लेना, विश्व में पहली हारपून ब्लॉक-2 मिसाइल का सफल शुभारंभ, टॉरपिडो फायरिंग और प्रमुख नौसैनिक अभ्यासों में सक्रिय प्रतिभागिता शामिल हैं।
पी-81 विमान, पी-8ए पोसिडोन विमान का रूप है, जिसे अमरीकी नौसेना के पुराने पी-3 जहाज के स्थान पर विकसित किया गया था। भारतीय नौसेना पी-8 विमान के लिए पहला अंतर्राष्ट्रीय उपभोक्ता बन गया है। भारत ने 01 जनवरी, 2009 को करीब 2.1 बिलियन अमरीकी डॉलर की कीमत से कुल आठ विमान खरीदे। भारत में पहला विमान 15 मई, 2013 को पहुंचा और अब तक सभी आठ विमानों को भारतीय नौसेना में शामिल कर लिया गया है।
पी-81 विमान में लंबी दूरी की पनडुब्बी रोधक रक्षा उपकरण, सतह से हमले को रोकने के रक्षा उपकरण, खुफिया, निगरानी के लिए उपकरण लगे हुए हैं।
यह विमान, आईएनएस रजाली पर स्थित है और कमांडर वेंकटेश्वरन रंगनाथन की कमान में भारतीय नौसेना के एयर स्कवेड्रन 312 ए द्वारा इसका परिचालन किया जाता है।
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