कैप्टन कृष्णा स्वामीनाथन ने आज भारतीय नौसेना के नये एवं अत्याधुनिक विमानवाही पोत आई.एन.एस. विक्रमादित्य के सेकेंड कमांडिंग ऑफिसर के रूप में कारवाड़ में पदभार ग्रहण किया। 16 नवंबर, 2013 को रूस के सेवेरोविंस्क में इस पोत का जलावतरण किया गया था।
कैप्टन कृष्णा स्वामीनाथन राष्ट्रीय रक्षा अकादमी, खड़कवासला के पूर्व छात्र रह चुके हैं। इसके अलावा वह सिरीवेनहम स्थित ज्वांइट सर्विसेज़ कमांड एंड स्टाफ कॉलेज एवं करंजा स्थित द कॉलेज ऑफ नेव़ल वारफेयर तथा अमेरिका में रोड आइसलैंड के न्यूपोर्ट स्थित नेव़ल वार कॉलेज के भी पूर्व छात्र रह चुके हैं।
कैप्टन कृष्णा स्वामीनाथन ने अपनी स्कूली शिक्षा बेंगलुरु स्थित बिशप कॉटन्स ब्वायज स्कूल और बीजापुर के सैनिक स्कूल में ग्रहण की। उनके निदेशन में आई एन एस विद्युत एंव विनाश प्रक्षेपास्त्र, आई एन एस कुलीश तथा नियंत्रित प्रक्षेपास्त्र विनाशक,आई एन एस मैसूर का निर्माण पूर्व में किया जा चुका है।
उन्होंने नई दिल्ली स्थित जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय से बी.एस.सी. की डिग्री प्राप्त की । इसके उपरांत उन्होंने मुंबई के ज़ेवियर इंस्टीट्यूट ऑफ मैनेजमेंट से कर्मचारी प्रबंधन में स्नातकोत्तर डिप्लोमा की शिक्षा ग्रहण की। इसके बाद डिफेंस स्टडीज में एम. ए. की शिक्षा उन्होंने लंदन के किंग्स कॉलेज से प्राप्त की। और उन्होंने मुंबई विश्वविद्यालय से रक्षा एवं सामरिक स्टडीज़ में एम.फिल. किया और फिर मुंबई विश्वविद्यालय से पी.एच.डी. की उपाधि प्राप्त की। उन्होंने अंतरराष्ट्रीय संबंध पर शोध किया। वे डिफेंस सर्विसेज़ स्टाफ कॉलेज वेलिंग्टन में प्रशिक्षक के रूप में अपनी सेवाएं दे चुके हैं। उन्होंने इसके बाद नौसेना के मुख्यालय में बतौर निदेशक अपनी सेवा प्रदान की। कैप्टन कृष्णा स्वामीनाथन अपनी पूर्व नियुक्तियों में नौसेना सहायक से लेकर नौसेना स्टाफ के अध्यक्ष के रूप में अपनी भूमिका का निर्वाह कर चुके हैं।
आई.एन.एस. विक्रमादित्य के संबंध में- आई.एन.एस. विक्रमादित्य की नौसेना के परिचालन में प्रमुख एवं महत्वपूर्ण भूमिका है। यह मुंबई स्थित पश्चिमी नौसेना कमांड के फ्लैग ऑफिसर कमांडिंग इन चीफ के प्रशासनिक नियंत्रण में है। इसे जब से भारतीय समुद्री क्षेत्र में लाया गया है तब से लेकर अब तक कई उच्चाधिकारी इस पोत का निरीक्षण कर चुके हैं। भारत के माननीय प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने इसे 14 जून 2014 को राष्ट्र को समर्पित किया था। भारत के उपराष्ट्रपति श्री हामिद अंसारी ने इस पोत का निरीक्षण 22 सितंबर 2014 को किया था। रक्षा मंत्री श्री मनोहर पर्रिकर 13-14 फरवरी 2015 को ट्रोपेक्स-2015 के दौरान इसके परिचालन के समय मौजूद थे। यह पोत मिग 29 के, केयूबी लड़ाकू जहाज़, समुद्री निगरानी वाले कमोव 31, कमोव 28, समुद्री किंग, अत्याधुनिक हल्के हेलिकॉप्टर और चेतक हेलिकॉप्टरों के सहारे संचालित किये जाने योग्य है। आई.एन.एस. विक्रमादित्य भारतीय नौसेना की समुद्री क्षमता बढ़ाने के लिहाज से काफी महत्वपूर्ण है। काफी दूर तक निश्चित लक्ष्यभेदी प्रहार के रूप में इसकी व्याख्या की जा सकती है।
कैप्टन कृष्णा स्वामीनाथन राष्ट्रीय रक्षा अकादमी, खड़कवासला के पूर्व छात्र रह चुके हैं। इसके अलावा वह सिरीवेनहम स्थित ज्वांइट सर्विसेज़ कमांड एंड स्टाफ कॉलेज एवं करंजा स्थित द कॉलेज ऑफ नेव़ल वारफेयर तथा अमेरिका में रोड आइसलैंड के न्यूपोर्ट स्थित नेव़ल वार कॉलेज के भी पूर्व छात्र रह चुके हैं।
कैप्टन कृष्णा स्वामीनाथन ने अपनी स्कूली शिक्षा बेंगलुरु स्थित बिशप कॉटन्स ब्वायज स्कूल और बीजापुर के सैनिक स्कूल में ग्रहण की। उनके निदेशन में आई एन एस विद्युत एंव विनाश प्रक्षेपास्त्र, आई एन एस कुलीश तथा नियंत्रित प्रक्षेपास्त्र विनाशक,आई एन एस मैसूर का निर्माण पूर्व में किया जा चुका है।
उन्होंने नई दिल्ली स्थित जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय से बी.एस.सी. की डिग्री प्राप्त की । इसके उपरांत उन्होंने मुंबई के ज़ेवियर इंस्टीट्यूट ऑफ मैनेजमेंट से कर्मचारी प्रबंधन में स्नातकोत्तर डिप्लोमा की शिक्षा ग्रहण की। इसके बाद डिफेंस स्टडीज में एम. ए. की शिक्षा उन्होंने लंदन के किंग्स कॉलेज से प्राप्त की। और उन्होंने मुंबई विश्वविद्यालय से रक्षा एवं सामरिक स्टडीज़ में एम.फिल. किया और फिर मुंबई विश्वविद्यालय से पी.एच.डी. की उपाधि प्राप्त की। उन्होंने अंतरराष्ट्रीय संबंध पर शोध किया। वे डिफेंस सर्विसेज़ स्टाफ कॉलेज वेलिंग्टन में प्रशिक्षक के रूप में अपनी सेवाएं दे चुके हैं। उन्होंने इसके बाद नौसेना के मुख्यालय में बतौर निदेशक अपनी सेवा प्रदान की। कैप्टन कृष्णा स्वामीनाथन अपनी पूर्व नियुक्तियों में नौसेना सहायक से लेकर नौसेना स्टाफ के अध्यक्ष के रूप में अपनी भूमिका का निर्वाह कर चुके हैं।
आई.एन.एस. विक्रमादित्य के संबंध में- आई.एन.एस. विक्रमादित्य की नौसेना के परिचालन में प्रमुख एवं महत्वपूर्ण भूमिका है। यह मुंबई स्थित पश्चिमी नौसेना कमांड के फ्लैग ऑफिसर कमांडिंग इन चीफ के प्रशासनिक नियंत्रण में है। इसे जब से भारतीय समुद्री क्षेत्र में लाया गया है तब से लेकर अब तक कई उच्चाधिकारी इस पोत का निरीक्षण कर चुके हैं। भारत के माननीय प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने इसे 14 जून 2014 को राष्ट्र को समर्पित किया था। भारत के उपराष्ट्रपति श्री हामिद अंसारी ने इस पोत का निरीक्षण 22 सितंबर 2014 को किया था। रक्षा मंत्री श्री मनोहर पर्रिकर 13-14 फरवरी 2015 को ट्रोपेक्स-2015 के दौरान इसके परिचालन के समय मौजूद थे। यह पोत मिग 29 के, केयूबी लड़ाकू जहाज़, समुद्री निगरानी वाले कमोव 31, कमोव 28, समुद्री किंग, अत्याधुनिक हल्के हेलिकॉप्टर और चेतक हेलिकॉप्टरों के सहारे संचालित किये जाने योग्य है। आई.एन.एस. विक्रमादित्य भारतीय नौसेना की समुद्री क्षमता बढ़ाने के लिहाज से काफी महत्वपूर्ण है। काफी दूर तक निश्चित लक्ष्यभेदी प्रहार के रूप में इसकी व्याख्या की जा सकती है।
[PIB]
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