नई दिल्ली। रक्षा मंत्री मनोहर पर्रिकर ने मंगलवार को कहा कि सरकार की ओर से जारी 'वन रैंक वन पेंशन' (ओआरओपी) योजना की अधिसूचना को लेकर विरोध कर रहे पूर्व सैनिक अपनी राह से भटक गए हैं। उन्होंने कहा कि उन्हें इस मसले पर आगे चर्चा करने के लिए गठित किए जा रहे न्यायिक आयोग से चर्चा करनी चाहिए।
पर्रिकर पणजी में गोवा शिपयार्ड लिमिटेड (जीएसएल) में आईसीजीएस सम्राट के शुभारंभ कार्यक्रम को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि मेरा सबसे बड़ा काम ओआरओपी अधिसूचना को जारी कराना था, जो मैंने कर दिया है। उन्हें इससे जुड़ी आगे की समस्या पर चर्चा करने के लिए आयोग से संपर्क करना
चाहिए।
पूर्व सैनिकों ने वन रैंक वन पेंशन अधिसूचना के विरोध में मंगलवार से अपने मेडल लौटाने का निर्णय लिया है।
पर्रिकर ने कहा कि यह (विरोध-प्रदर्शन) उनका लोकतांत्रिक अधिकार है, लेकिन मुझे लगता है कि वे भटक गए हैं। अगर उन्हें (पूर्व सैनिकों) जरा भी कष्ट या आपत्ति है, तो उन्हें इसे उस न्यायिक आयोग के समक्ष रखना चाहिए, जिसकी हम नियुक्ति कर रहे हैं।
सरकार ने वन रैंक वन पेंशन योजना के क्रियान्वयन की राह में उत्पन्न होने वाली त्रुटियों या विसंगतियों का पता लगाने के लिए एक न्यायिक समिति नियुक्त करने का फैसला किया है। न्यायिक समिति अपनी रिपोर्ट छह माह में देगी।
[ IBN Khabar ]
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