Reported by Vimal Mohan , Last Updated: शुक्रवार नवम्बर 13, 2015 07:46 PM IST
नई दिल्ली: 'वन रैंक वन पेंशन' को दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल का भी समर्थन मिल गया है। इस मुद्दे को लेकर पूर्व सैनिकों के विरोध के सुर तेज हो रहे हैं। अब वे आंदोलन के लिए अलग-अलग तरीके अपनाने की बात भी कह रहे हैं।
सैनिकों ने इंडिया गेट जाकर वापस किए मेडल्स
केजरीवाल जंतर-मंतर पर पूर्व सैनिकों के आंदोलन के समर्थन के लिए आए तो थोड़ी अफरातफरी भी मची। पूर्व सैनिकों ने दिल्ली के सीएम का स्वागत तो किया लेकिन विनम्रता से ये भी बता दिया कि उन्हें माइक पर बोलने का मौका नहीं दिया जाएगा। केजरीवाल ने इस पर कहा कि वे सैनिकों के आंदोलन को पूर्ण समर्थन देंगे। इसके बाद कई पूर्व सैनिकों ने इंडिया गेट पर जाकर अमर जवान ज्योति पर अपने मेडल्स वापस कर दिए। दिल्ली सरकार के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल से मिले समर्थन ने इन सैनिकों को नई ताकत दे दी है।
सरकार ने हमारे साथ धोखा किया :विधायक सुरेंद्र सिंह
आप विधायक कमांडर सुरेंद्र सिंह कहते हैं कि सरकार ने उनके साथ धोखा किया है, वह उनकी एक मांग को नहीं मान रही है। उन्होंने यह भी कहा कि इस आंदोलन को राजनीतिक समर्थन मिलना भी गलत नहीं है। वैसे, जानकार केजरीवाल के इस आंदोलन के समर्थन के राजनीतिक मायने निकाल रहे हैं। उनका इशारा पंजाब में होने वाले चुनाव को लेकर है। इस बीच, पूर्व सैनिक अपनी मांग पर अड़े हैं कि उन्हें वन रैंक वन पेंशन चाहिए न कि
वन रैंक मेनी (कई) पेंशन
केंद्र सरकार अपने रुख पर अडिग
उधर, सरकार भी अपने रुख पर अडिग है। रक्षा मंत्री मनोहर पर्रिकर विरोध के इस तरीक़े को गलत बता रहे हैं। पार्रिकर ने कहा, 'मेडल देश के लिए सैनिकों के बलिदान की खातिर दिए जाते हैं। उन्हें जलाना या लौटाना देश या सैनिकों का ही अपमान करना है। मैं इसे सही नहीं मानता।' दूसरी ओर, पूर्व सैनिक देशभर में मेडल लौटाने की अपनी मुहिम को और तेजी देने की तैयारी में हैं। उन्होंने कहा कि यह मुहिम देश के हर जिले में जारी जारी रहेगी। ऐसे में यह बात साफ है कि वन रैंक वन पेंशन पर पूर्व सैनिकों को मिल रहा सियासी समर्थन केंद्र सरकार के लिए सिरदर्द की वजह बन सकता है।
सैनिकों ने इंडिया गेट जाकर वापस किए मेडल्स
केजरीवाल जंतर-मंतर पर पूर्व सैनिकों के आंदोलन के समर्थन के लिए आए तो थोड़ी अफरातफरी भी मची। पूर्व सैनिकों ने दिल्ली के सीएम का स्वागत तो किया लेकिन विनम्रता से ये भी बता दिया कि उन्हें माइक पर बोलने का मौका नहीं दिया जाएगा। केजरीवाल ने इस पर कहा कि वे सैनिकों के आंदोलन को पूर्ण समर्थन देंगे। इसके बाद कई पूर्व सैनिकों ने इंडिया गेट पर जाकर अमर जवान ज्योति पर अपने मेडल्स वापस कर दिए। दिल्ली सरकार के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल से मिले समर्थन ने इन सैनिकों को नई ताकत दे दी है।
सरकार ने हमारे साथ धोखा किया :विधायक सुरेंद्र सिंह
आप विधायक कमांडर सुरेंद्र सिंह कहते हैं कि सरकार ने उनके साथ धोखा किया है, वह उनकी एक मांग को नहीं मान रही है। उन्होंने यह भी कहा कि इस आंदोलन को राजनीतिक समर्थन मिलना भी गलत नहीं है। वैसे, जानकार केजरीवाल के इस आंदोलन के समर्थन के राजनीतिक मायने निकाल रहे हैं। उनका इशारा पंजाब में होने वाले चुनाव को लेकर है। इस बीच, पूर्व सैनिक अपनी मांग पर अड़े हैं कि उन्हें वन रैंक वन पेंशन चाहिए न कि
वन रैंक मेनी (कई) पेंशन
केंद्र सरकार अपने रुख पर अडिग
उधर, सरकार भी अपने रुख पर अडिग है। रक्षा मंत्री मनोहर पर्रिकर विरोध के इस तरीक़े को गलत बता रहे हैं। पार्रिकर ने कहा, 'मेडल देश के लिए सैनिकों के बलिदान की खातिर दिए जाते हैं। उन्हें जलाना या लौटाना देश या सैनिकों का ही अपमान करना है। मैं इसे सही नहीं मानता।' दूसरी ओर, पूर्व सैनिक देशभर में मेडल लौटाने की अपनी मुहिम को और तेजी देने की तैयारी में हैं। उन्होंने कहा कि यह मुहिम देश के हर जिले में जारी जारी रहेगी। ऐसे में यह बात साफ है कि वन रैंक वन पेंशन पर पूर्व सैनिकों को मिल रहा सियासी समर्थन केंद्र सरकार के लिए सिरदर्द की वजह बन सकता है।
[ NDTV ]
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