नई दिल्ली। वन रैंक वन पेंशन योजना की औपचारिक अधिसूचना को लेकर एक ओर जहां विरोध प्रदर्शन करने वाले पूर्व सैन्य कर्मियों ने असंतोष जाहिर किया है वहीं दूसरी तरफ रक्षा मंत्री मनोहर पर्रिकर ने कहा कि लोकतंत्र में मांग करने का अधिकार सभी को है लेकिन सभी मांगों को पूरा नहीं किया जा सकता।
पर्रिकर ने कहा कि वरिष्ठ सैन्य कर्मियों की ज्यादातर मांगों को पूरा किए जाने की बात के बारे में जिक्र करते हुए उन्होंने कहा कि न्यायिक आयोग का गठन किया जाएगा जो समस्याओं पर विचार करेगा।
पर्रिकर ने सोमवार को एक समारोह मे कहा कि यह लोकतंत्र है। हर किसी को मांग करने का अधिकार है। लेकिन ज्यादातर लोगों की एक रैंक एक पेन्शन की मुख्य मांग पूरी की जा चुकी है। बाकी वह सब है जिसकी हमने (5 सितंबर को) घोषणा की थी। इसमें से वीआरएस के बारे में भ्रम दूर कर दिया गया है।
उन्होंने कहा कि अगर सभी मांगें पूरी कर दी जाएं तो कोई और व्यक्ति कुछ और मांग करने लगेगा। मंत्री ने कहा कि आधारभूत मुख्य मुद्दे का समाधान कर दिया गया है और अगर कोई समस्या है तो उस पर न्यायिक आयोग गौर करेगा।सरकार ने वन रैंक वन पेंशन के लिए शनिवार को अधिसूचना जारी कर दी लेकिन वरिष्ठ सैन्य कर्मी इससे नाखुश हैं। पर्रिकर इसी संबंध में पूछे गए सवालों के जवाब दे रहे थे।
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पर्रिकर ने कहा कि वरिष्ठ सैन्य कर्मियों की ज्यादातर मांगों को पूरा किए जाने की बात के बारे में जिक्र करते हुए उन्होंने कहा कि न्यायिक आयोग का गठन किया जाएगा जो समस्याओं पर विचार करेगा।
पर्रिकर ने सोमवार को एक समारोह मे कहा कि यह लोकतंत्र है। हर किसी को मांग करने का अधिकार है। लेकिन ज्यादातर लोगों की एक रैंक एक पेन्शन की मुख्य मांग पूरी की जा चुकी है। बाकी वह सब है जिसकी हमने (5 सितंबर को) घोषणा की थी। इसमें से वीआरएस के बारे में भ्रम दूर कर दिया गया है।
उन्होंने कहा कि अगर सभी मांगें पूरी कर दी जाएं तो कोई और व्यक्ति कुछ और मांग करने लगेगा। मंत्री ने कहा कि आधारभूत मुख्य मुद्दे का समाधान कर दिया गया है और अगर कोई समस्या है तो उस पर न्यायिक आयोग गौर करेगा।सरकार ने वन रैंक वन पेंशन के लिए शनिवार को अधिसूचना जारी कर दी लेकिन वरिष्ठ सैन्य कर्मी इससे नाखुश हैं। पर्रिकर इसी संबंध में पूछे गए सवालों के जवाब दे रहे थे।
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