रीयर एडमिरल संजय जसजीत सिंह ने 19 नवंबर 2015 को नौसेना में सहायक प्रमुख (संचार नेटवर्क ऑपरेशन) में सहायक प्रमुख का दायित्व संभाल लिया है। इससे पहले वे रीयर एडमिरल थे। सहायक प्रमुख का पद 2013 में सृजित किया गया था और इसे भारतीय नौसेना के नेटवर्क से जुड़े अभियानों के तहत अंतरिक्ष आधारित पूंजी इस्तेमाल के लिए निर्मित किया गया था।
इस पद पर पहुंचने वाले वे दूसरे अधिकारी हैं। इससे पहले रीयर एडमिरल किशन के. पांडेय इस पद पर थे। किशन के. पांडेय फरवरी 2016 में विशाखापतनम में भारतीय नौसेना द्वारा आयोजित आगामी प्रतिष्ठित अंतर्राष्ट्रीय बेड़ा रिव्यू योजना के प्रभारी थे।
रीयर एडमिरल संजय जसजीत सिंह सशस्त्र बलों की तीसरी पीढ़ी के अधिकारी हैं। राष्ट्रीय रक्षा अकादमी, खड़गवासला से प्रशिक्षित रीयर एडमिरल संजय प्रशिक्षण के दौरान हमेशा बेहतरीन साबित होते रहे हैं। अकादमी के सर्वोत्तम नौसेना कैडेट के रूप में उन्होंने बेस्ट सी कैडेट में श्रेष्ठता हासिल की है। इसके अलावा उन्हें स्वार्ड ऑफ ऑनर से भी सम्मानित किया जा चुका है। एक जुलाई 1986 में नौसेना में कमीशन प्राप्त रीयर एडमिरल संजय जसजीत सिंह नेवीगेशन और डायरेक्शन कोर्स के विशेषज्ञ माने जाते हैं। इस कोर्स में उन्होंने 1992 में टॉप किया था। उन्होंने 2000 में ब्रिटेन के एडवांस्ड कमान एंड स्टाफ कोर्स में भी उत्तीर्ण रहे हैं। ब्रिटेन में वे थल सेना, नौसेना और वायु सेना के अधिकारियों के लिए आयोजित इस कोर्स में वे सर्वोत्तम साबित हुए। इस कोर्स में 47 देशों ने हिस्सा लिया था। रीयर एडमिरल संजय मुंबई के नौसेना युद्ध कॉलेज में नौसेना उच्च कमान कोर्स भी कामयाबी के साथ पूरा कर चुके हैं। इसके अलावा उन्होंने दिल्ली के राष्ट्रीय रक्षा कॉलेज के राष्ट्रीय सुरक्षा रणनीति पाठ्यक्रम में भी अपनी योग्यता साबित की थी।
रीयर एडमिरल संजय जसजीत सिंह ने भारतीय नौसेना में कमान, प्रशिक्षण, स्टाफ नियुक्तियों में रहने के अलावा कई जलपोतों में भी अपनी सेवाएं दे चुके हैं। उन्होंने एएसडब्ल्यू के कमान और यूएवी चालित नौसेना के आईएनएस तारागिरी में भी अपनी निपुणता का परिचय दे चुके हैं। आईएनएस तारागिरी में उन्होंने अपनी उच्च कामयाबी का परिचय देते हुए नौसेना मेडल पुरस्कार हासिल किया। इसी तरह बहुउद्देश्य आईएनएस त्रिशूल में भी कुशलता दिखाई। प्रशिक्षण के दौरान उन्हें लोकल नेटवर्क टीम, युद्ध पोतों के समुद्र में अभ्यास के दौरान प्रशिक्षण की जिम्मेदारी और नेवीगेशन डायरेक्शन स्कूल की जिम्मेदारी भी दी गई। जसजीत सिंह नेवीगेशन डायरेक्शन स्कूल से पढ़े हैं। नियुक्तियों के मामले में उन्होंने कार्मिक विभाग के संयुक्त निदेशक और ईरान में भारतीय मिशन में नेवल अटैची, नौसेना अभियानों के प्रधान निदेशक रह चुके हैं और अब वे प्रधान निदेशक रणनीति-संकल्पना के पद पर हैं, जहां उनके ऊपर संशोधित भारतीय सागरीय सुरक्षा रणनीति संबंधी जिम्मेदारी है। ये दोनों पद हाल ही में सृजित किये गये हैं।
रीयर एडमिरल संजय जसजीत सिंह बेहतरीन तैराक और पढ़ने के शौकीन हैं। वे रक्षा और सामरिक मामलों पर नियमित रूप से लेखन कार्य करते हैं। इससे पहले वे भारतीय सेना के सागरीय सिद्धांत के महत्वपूर्ण लेखक भी मशहूर हो चुके हैं। उन्होंने कई पाठ्यक्रमों में एमए की शिक्षा प्राप्त की है। इस तरह उन्होंने मुंबई विश्वविद्यालय से इतिहास में एमए और आर्ट्स में एमफिल के अलावा लंदन के किंग्स कॉलेज से रक्षा अध्ययन में स्नातक और मद्रास विश्वविद्यालय से रक्षा और सामरिक अध्ययन में एमफिल किया है। जानी-मानी पूर्व फैशन मॉडल और कामयाब गृहिणी जरीन लॉर्ड्स सिंह उऩकी पत्नी हैं। उनकी पत्नी जानी-मानी संगीत घराने से ताल्लुक रखती हैं। दोनों से दो बच्चे हैं।
[PIB]
इस पद पर पहुंचने वाले वे दूसरे अधिकारी हैं। इससे पहले रीयर एडमिरल किशन के. पांडेय इस पद पर थे। किशन के. पांडेय फरवरी 2016 में विशाखापतनम में भारतीय नौसेना द्वारा आयोजित आगामी प्रतिष्ठित अंतर्राष्ट्रीय बेड़ा रिव्यू योजना के प्रभारी थे।
रीयर एडमिरल संजय जसजीत सिंह सशस्त्र बलों की तीसरी पीढ़ी के अधिकारी हैं। राष्ट्रीय रक्षा अकादमी, खड़गवासला से प्रशिक्षित रीयर एडमिरल संजय प्रशिक्षण के दौरान हमेशा बेहतरीन साबित होते रहे हैं। अकादमी के सर्वोत्तम नौसेना कैडेट के रूप में उन्होंने बेस्ट सी कैडेट में श्रेष्ठता हासिल की है। इसके अलावा उन्हें स्वार्ड ऑफ ऑनर से भी सम्मानित किया जा चुका है। एक जुलाई 1986 में नौसेना में कमीशन प्राप्त रीयर एडमिरल संजय जसजीत सिंह नेवीगेशन और डायरेक्शन कोर्स के विशेषज्ञ माने जाते हैं। इस कोर्स में उन्होंने 1992 में टॉप किया था। उन्होंने 2000 में ब्रिटेन के एडवांस्ड कमान एंड स्टाफ कोर्स में भी उत्तीर्ण रहे हैं। ब्रिटेन में वे थल सेना, नौसेना और वायु सेना के अधिकारियों के लिए आयोजित इस कोर्स में वे सर्वोत्तम साबित हुए। इस कोर्स में 47 देशों ने हिस्सा लिया था। रीयर एडमिरल संजय मुंबई के नौसेना युद्ध कॉलेज में नौसेना उच्च कमान कोर्स भी कामयाबी के साथ पूरा कर चुके हैं। इसके अलावा उन्होंने दिल्ली के राष्ट्रीय रक्षा कॉलेज के राष्ट्रीय सुरक्षा रणनीति पाठ्यक्रम में भी अपनी योग्यता साबित की थी।
रीयर एडमिरल संजय जसजीत सिंह ने भारतीय नौसेना में कमान, प्रशिक्षण, स्टाफ नियुक्तियों में रहने के अलावा कई जलपोतों में भी अपनी सेवाएं दे चुके हैं। उन्होंने एएसडब्ल्यू के कमान और यूएवी चालित नौसेना के आईएनएस तारागिरी में भी अपनी निपुणता का परिचय दे चुके हैं। आईएनएस तारागिरी में उन्होंने अपनी उच्च कामयाबी का परिचय देते हुए नौसेना मेडल पुरस्कार हासिल किया। इसी तरह बहुउद्देश्य आईएनएस त्रिशूल में भी कुशलता दिखाई। प्रशिक्षण के दौरान उन्हें लोकल नेटवर्क टीम, युद्ध पोतों के समुद्र में अभ्यास के दौरान प्रशिक्षण की जिम्मेदारी और नेवीगेशन डायरेक्शन स्कूल की जिम्मेदारी भी दी गई। जसजीत सिंह नेवीगेशन डायरेक्शन स्कूल से पढ़े हैं। नियुक्तियों के मामले में उन्होंने कार्मिक विभाग के संयुक्त निदेशक और ईरान में भारतीय मिशन में नेवल अटैची, नौसेना अभियानों के प्रधान निदेशक रह चुके हैं और अब वे प्रधान निदेशक रणनीति-संकल्पना के पद पर हैं, जहां उनके ऊपर संशोधित भारतीय सागरीय सुरक्षा रणनीति संबंधी जिम्मेदारी है। ये दोनों पद हाल ही में सृजित किये गये हैं।
रीयर एडमिरल संजय जसजीत सिंह बेहतरीन तैराक और पढ़ने के शौकीन हैं। वे रक्षा और सामरिक मामलों पर नियमित रूप से लेखन कार्य करते हैं। इससे पहले वे भारतीय सेना के सागरीय सिद्धांत के महत्वपूर्ण लेखक भी मशहूर हो चुके हैं। उन्होंने कई पाठ्यक्रमों में एमए की शिक्षा प्राप्त की है। इस तरह उन्होंने मुंबई विश्वविद्यालय से इतिहास में एमए और आर्ट्स में एमफिल के अलावा लंदन के किंग्स कॉलेज से रक्षा अध्ययन में स्नातक और मद्रास विश्वविद्यालय से रक्षा और सामरिक अध्ययन में एमफिल किया है। जानी-मानी पूर्व फैशन मॉडल और कामयाब गृहिणी जरीन लॉर्ड्स सिंह उऩकी पत्नी हैं। उनकी पत्नी जानी-मानी संगीत घराने से ताल्लुक रखती हैं। दोनों से दो बच्चे हैं।
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